Sunday, September 25, 2011

रिश्ते




















रिश्ते नब्ज हैं !!!!!!!!!!

उठते एहसास के
चलते नज्म के
पल -पल जीते जज्बात के
आँखों के दर्द के
खुशी के एहसास के
पलकों के साये हों या ----
पनपते अरमान की
हर चाहत ........

उनसे अरमान जुड़े हैं .......
संबंधों की कड़ी
बनाने का मीठा -
जज्बा है
जिन्दगी को नायाब बनाने और
सबको पिरोने का सूत्र है
माँ का सदियों से सजोया घरोंदा है
तो पिता की अनकही ख्वाहिश
लम्हें -लम्हें की
बुनी चादर है

वो साथ है तो
राह बन जाती
मंजिल पास होती है 

इस भरी भीड़ में

साया हैं रिश्ते
बिना बोले
पहचानने की कवायद है
रिश्ते
रब का बनाया अनमोल तोहफा है
रिश्ते
भावना की लड़ी
संबंधो की पूजा है
रिश्ते
गढ़ता है
सोचता है इन्सान
रिश्ते
पर बनाता है
ऊपर वाला
चलते है हम -सब
संजोते हैं सिद्दत से

बढती दूरियां
आज जो है (समाज में बढती हननता)
वो क्यों ???????????
कि........
हम भूल जाते हैं .......
रिश्ते

इसलिए
जब तक है साँस
जियो हर रिश्ते को ........
तभी बनती है ,
पूरी होती है ......
एक मुकम्मल आशियां की
सच्ची तस्वीर
मेरी नजर में
ये है
रिश्ते !!!!!!!!!!!!!!

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