Friday, September 18, 2015

जिज्ञासा की कुछ रचनाएँ: एक रैंक एक पेंशन : एक सैनिंक का दर्द

जिज्ञासा की कुछ रचनाएँ: एक रैंक एक पेंशन : एक सैनिंक का दर्द: खून से लथपथ भीगा बदन जब , तिरंगा ओढ़ के आता है द्धार , तब लफ़्ज़ों की बौछारें , तमगों  की बिसातें,  अखबार ...

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