ये मेरी कुछ बानगी है , कुछ शब्दों से , कुछ अन्य माध्यमों से....
आप सब की शाबाशियाँ हौसला बढ़ाती हैं...
कैसा लगा ये जरूर बताएं...
हिन्दी भाषा जो हमारी राजभाषा है जिसे हम आधुनिकता में भूलते जा रहे हैं, उसी को जीवित रखने की मेरी एक छोटी सी कोशिश है । आपकी प्रतिक्रिया मेरे लिए रोशनी की वह लौ है जो किसी भी अंधेरे को चीरने में समर्थ है ।
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