Thursday, May 24, 2012


पत्थर की है ये दुनिया , जज़्बात नहीं समझती ,
 दिल में जो है वो बात नहीं समझती ,
तनहा तो चाँद भी है सितारों के बीच मगर ,
चाँद का दर्द ये बेवफा रात नहीं समझती

1 comment:

  1. Yessssss.....
    Ye Jiwan hai. is jiwan ka yahi hai rang roop

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