सूरज की उगती
सुनहरी किरणों के साथ
वायु की लहरों पे सवार
निकल पड़ते हैं वायु-योद्धा
हर सुबह
अपने मिशन पर ।
नीले गगन में
देश की रक्षा के लिये
जान हथेली पे ले घूमते
आसमान की ऊँचाइयाँ चूमते
तैयार हर पल
शत्रु को परास्त करने
उड़ते रहते
भारत के अंबर पर।
अपने तन में एक वायुयान लपेटे
सैकड़ों गोलियाँ उस में समेटे
बॉम्ब रॉकेट्स और अनेकों मिसाइलें
शत्रु दिखे तो
उसे दहला दें ।
पीछे छोड़ देते
अपना परिवार
बच्चे के आँसू
हर उड़ान में
हर उस पल जब हों आसमान में
और
बन जाते हैं शत्रु के लिये
"आसमानी मौत" ।
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